उत्तराखंड में सोलर फार्मिंग से मिलेगा रोजगार, बिजली संकट भी होगा दूर
https://www.jagran.com/uttarakhand/dehradun-city-solar-farming-will-provide-employment-in-uttarakhand-20735602.html
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के सीमांत किसानों और पर्वतीय क्षेत्रों में वापस लौटे प्रवासियों के लिए खुशखबरी। अब वे सोलर प्लांट से बिजली पैदा करें और उसे ऊर्जा निगम को बेचकर अच्छी-खासी आमदनी कर सकते हैं। साथ में सोलर फार्मिंग से उत्पादित बिजली दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों को बिजली के संकट से निजात दिलाएगी।
उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संकटकाल में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का तोहफा दिया है। दरअसल, इस योजना के माध्यम से सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में बंजर हो रही खेती में स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराए हैं। इससे सीमांत और पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ते पलायन को थामा जा सकेगा। ऊर्जा सचिव राधिका झा का कहना है कि सोलर फार्मिंग से उद्यमशील युवाओं, ग्रामीण बेरोजगारों और किसानों को स्वरोजगार मिलेगा। यह योजना पूरे राज्य में लागू होगी, यानी इसका लाभ क्षेत्र विशेष तक सीमित नहीं रहने वाला है।
10 हजार प्लांट लगाने का लक्ष्य
योजना के तहत 25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाए जा सकेंगे। योजना के तहत 10 हजार व्यक्तियों को परियोजनाएं आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्षवार लक्ष्यों का निर्धारण एमएसएमई एवं वित्त विभाग की सहमति से किया जाएगा। लाभार्थी के लिए राज्य का स्थायी नागरिक होना अनिवार्य है। योजना उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण यानी उरेडा के माध्यम से संचालित होगी। इसमें ऊर्जा निगम और राज्य सहकारी बैंक सहयोगी संस्थाओं की भूमिका में रहेंगे।
ऊर्जा निगम लगाएगा 63 केवीए ट्रांसफार्मर
इस योजना के तहत उत्पादित सोलर ऊर्जा को ग्रिड से जोड़ने के लिए ऊर्जा निगम 63 केवीए एवं इससे अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाएगा। इन ट्रांसफार्मर के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों में 300 मीटर और मैदानी क्षेत्रों में 100 मीटर की हवाई दूरी तक सोलर पावर प्लांट आवंटित किए जाएंगे। इससे पूरे सालभर बिजली पैदा की जा सकेगी।
सीएम सौर स्वरोजगार योजना की खास बातें
- इस योजना में 25 किलोवाट क्षमता के ही सोलर पावर प्लांट स्वीकृत किए जाएंगे
- राज्य के स्थायी निवासी अपनी निजी या लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट स्थापित कर सकते हैं।
- योजना के तहत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पात्र व्यक्ति कर सकते हैं आवेदन
- एक व्यक्ति को केवल एक ही सोलर पावर प्लांट आवंटित किया जाएगा
- उद्यमशील युवक, ग्रामीण बेरोजगार, किसान जो 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के हों, पात्र होंगे
- 25 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट के लिए डेढ़ से दो नाली यानी 300 वर्गमीटर भूमि चाहिए
- योजना का क्रियान्वयन उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण के माध्यम से होगा
योजना पर कुल खर्च और सब्सिडी
- 25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट पर 40 हजार प्रति किवा की दर से कुल करीब 10 लाख होगा खर्च
- प्लांट की कुल लागत का 70 फीसद तक लाभार्थी को ऋण के रूप में मिलेगा, शेष 30 फीसद राशि संबंधित लाभार्थी मार्जिन मनी के रूप में वहन करेगा
- चयनित लाभार्थियों को लघु, मध्यम व सूक्ष्म उद्यम विभाग की ओर से संचालित मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में मार्जिन मनी अनुदान एवं अन्य लाभ मिलेंगे
- राज्य व जिला सहकारी बैंक चयनित लाभार्थियों को अनुमन्यता के आधार पर आठ फीसद ब्याज पर ऋण मुहैया कराएगा
- सहकारी बैंक इस योजना के तहत 15 वर्ष की अवधि के लिए ऋण उपलब्ध कराएगा
- लाभार्थियों को अपनी भूमि के भू-परिवर्तन के लिए परेशान नहीं होना होगा, साथ में भूमि बंधक रखने के लिए स्टांप ड्यूटी माफ होगी
- परियोजना का आवंटन जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में दिए 54.9 मेगावाट के सोलर प्लांट